मातृभाषा
मैं हिंदी शब्दकोष हूँ ,
हिंदी मेरी पहचान है ।
मैं सभ्यता हूँ, मैं संस्कृति हूँ ,
मैं हिंदुस्तान की जान हूँ।
मैं हर घर की धड़कन हूँ,
बच्चों का पहला शब्द हूँ,
मां के प्रेम का आंचल हूँ,
पिता से उम्मीद का शब्द हूँ।
बिंदी से मैं शब्द बनाती,
रग रग में मैं रंग दौड़ाती,
मात्रा से विस्तार बताती,
आसानी से समझ में आती।
रिश्तो की परिभाषा बताती ,
दादा दादी चाचा चाची,
शब्दों से पहचान बताती,
रिश्तो का एहसास दिलाती ।
मैं जड़ हूँ हिंदुस्तान की,
गवाह हूँ आन बान शान की, कश्मीर से कन्याकुमारी तक मेरा प्रसार है,
हिंदी ही हिंदुस्तान का सार है।
जय हिन्द...!!
Composed by
Vandana Sharma
Hindi Faculty
Mother's Pride School, Pataudi (Haryana)